जब भी हम भगवान श्री गणेश की आरती करते हैं, तो हमें Ganpati aarti in hindi की जरूरत पड़ती है। क्योंकि हमारे यहां गणेश चतुर्थी का त्योहार बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है। पूरे 10 दिनों तक चलने वाले इस उत्सव में लोग अपने घर में भगवान श्री गणेश की प्रतिमा लाते हैं और उनकी विधि विधान पूजा करते हैं।
इसके बाद एक निश्चित दिन पर इस प्रतिमा का विसर्जन कर दिया जाता है। गणेश जी की पूजा के दौरान हम बड़े प्रेम से उनकी आरती गाते हैं। इसके लिए हमें गणपति आरती पीडीएफ की जरूरत पड़ती है।
GANPATI AARTI PDF
PDF Name | Ganpati Aarti PDF |
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No. of Pages | 8 |
PDF Size | 671 KB |
Language | Hindi |
Tags | |
PDF Category | Religion & Spirituality |
website | bacpl.org |
यदि आप सम्पूर्ण गणेश आरती हिंदी में (Ganpati aarti in hindi) पढ़ना चाहते है तो आप यहां पढ़ सकते हैं। साथ ही आप गणेश आरती pdf (Ganpati aarti in hindi PDF) को अपने फोन तथा कंप्यूटर पर भी डाउनलोड कर सकते है।
Ganpati Aarti शांत मन के साथ, अपने आप को प्रभु के चरणों में समर्पित करते हुए गाने से निश्चित ही धन धान्य और कीर्ति में बढ़ोतरी होती है। इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर करके पुण्य के भागी बनें तथा दूसरों को भी इसका लाभ लेने का मौका अवश्य दें। जिस किसी ने इस पोस्ट को पढ़ा है और भगवान गणेश का आशीर्वाद चाहता है, तो इस कमेंट में लिखे जय श्री गणेश..
Ganpati aarti in hindi | भगवान गणेश की होती है सबसे पहले पूजा
अगर आप किसी प्रकार के मांगलिक कार्य करने वाले हैं, तो सबसे पहले भगवान श्री गणेश का आह्वान किया जाता है यानी उनकी पूजा की जाती है। ताकि सभी मनोरथ और कामना पूरी हो। बिना किसी संकट और भय के आपकी पूजा भी संपन्न होती है।
भगवान गणेश को उनके पिता शिव जी ने ऐसा वरदान दिया था कि जब भी कोई पूजा की शुरूआत करेगा, तो सबसे पहले श्री गणेश की पूजा की जाएगी। उसके बाद पूजा की शुरूआत होगी। इसलिए भगवान गणेश को विघ्न हरता कहा जाता है।
GANPATI AARTI LYRICS
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी ।
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा ।
लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया ।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
‘सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
