नमस्कार भक्तजनों… रामचरित मानस (Ramcharitmanas PDF) प्रसिद्ध ग्रन्थों में से एक है। इसके पाठ और श्रवण से मनुष्यों का जीवन धन्य हो जाता है। मान्यता के अनुसार कलयुग में अगर कोई रामचरित मानस का प्रतिदिन पाठ करता है, तो उसे भगवान श्रीरामचंद्र की भक्ती प्राप्त होती है।
इस लेख में मैं आपको रामचरित मानस का पीडीएफ (Ramcharitmanas PDF) प्रदान करुंगा। जिसको आप अपने कंप्यूटर या मोबाइल में सीधे डाउनलोड कर सकते हैं। नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके आप पीडीएफ डाउनलोड कर सकते हैं।
रामचरित मानस हमारे देश के हर हिन्दु घर मिल जाएगा। सभी लोग बड़े आदर भाव से रामचरित मानस में लिखे चौपाई और दोहा का पाठ करते हैं। इसका फल भी बहुत लाभकारी होता है। कलयुग में इसका पाठ करने से आप भवसागर से तर जाएंगे।
Contents
Ramcharitmanas PDF Details
PDF Name | रामचरितमानस | Ramcharitmanas PDF |
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No. of Pages | 1240 |
PDF Size | 74.9 MB |
Language | Hindi | हिंदी |
PDF Category | Religion | धार्मिक |
download link | Click Here |
Website | bacpl.org |
रामचरित मानस की रचना ऐसे समय में हुई थी जब हमारे देशवासी समस्त शौर्य एवं पराक्रम खो चुके थे। विदेशियों ने भारत पर कब्जा कर लिया था। दो विरोधी संस्कृतियों, साधनाओं और सभ्यताओं का संधिकाल था।
ऐसे ही काल में युग-प्रवर्तक, उच्च कोटि के भक्त कवि तुलसीदास (Tulsidas) का प्रादुर्भाव हुआ। लोकचेतना के शक्तिशाली तत्वों की उन्हें अद्भुत पहचान थी। राम के लोकोत्तर चरित्र के अजर-अमर गायक रस-सिद्ध किया।
Tulsidas Ramcharitmanas PDF
श्रीरामचरितमानस की ‘संवाद-शैली’ मुझे अत्यंत प्रिय है। इसका आरंभ संवादों से होता है, मध्य भी और अंत भी। कथा के आधारभूत संवाद हैं- ‘शिव-पार्वती संवाद’, ‘गरूड़-काकभुशुण्डि संवाद’, और ‘याज्ञवल्क्य-भारद्वाज संवाद’।
इनके अतिरिक्त ‘लक्ष्मण-परशुराम संवाद’, ‘रावण-अंगद संवाद’ आदि भी प्रभावशाली बन पड़े हैं। तुलसीदास जी ने मार्मिक स्थलों का चुनाव बड़ी कुशलतापूर्वक किया है। ‘राम-वनवास’, ‘भरत-मिलाप’, ‘सीताहरण’, ‘लक्ष्मण-मूर्च्छा’ आदि प्रसंगों को मार्मिक बना दिया गया है।
इस ग्रंथ में तुलसीदास जी ने मर्यादा पुरूषोत्तम राम को अवतारी रूप में अपना आराध्य मानकर उनका चरितगान किया है। उन्होंने अपने समय की प्रचलित सभी काव्य-शैलियों का सफलतापूर्वक प्रयोग किया है।
Ramcharitmanas PDF in Hindi
रामचरित मानस में सात कांड हैं – बालकाण्ड (Balkand), अयोध्याकाण्ड (Ayodhya Kand), अरण्यकाण्ड (Aranya Kand), किष्किन्थाकाण्ड (Kishkindha Kand), सुन्दरकाण्ड (Sunderkand), लंकाकाण्ड (Lanka Kand) और उत्तरकाण्ड (Uttar Kand)। तुलसीदास ने इस महाकाव्य में अवधी भाषा का प्रयोग कर सर्वसाधारण के लिए रास्ता सुगम कर दिया। दोहा-चौपाई शैली का प्रयोग किया गया है।
हिन्दू धर्म और संस्कृति का जितना उपकार ‘रामचरितमानस’ ने किया है, संभवतः किसी दूसरे साहित्यिक ने नहीं किया। वास्तव में इस ग्रंथ की जितनी प्रशंसा की जाए, उतनी ही कम होगी। जीवन की कोई ऐसी समस्या नहीं है जिसका समाधान इस महाकाव्य में न मिल सके।
Ramcharitmanas में कुल कितने कांड हैं?
रामचरितमानस में कुल कितने कांड है? रामचरितमानस को तुलसीदास ने सात काण्डों में विभक्त किया है। इन सात काण्डों के नाम हैं – बालकाण्ड, अयोध्याकाण्ड, अरण्यकाण्ड, किष्किन्धाकाण्ड, सुन्दरकाण्ड, लंकाकाण्ड (युद्धकाण्ड) और उत्तरकाण्ड।
रामायण और रामचरित मानस में क्या अंतर है?
रामायण ऋषि वाल्मीकि द्वारा लिखी गई थी, जो भगवान राम के समकालीन थे। जबकि रामचरितमानस की रचना तुलसीदास ने की थी, जो मुगल सम्राट अकबर के समकालीन थे। रामायण संस्कृत भाषा में लिखी गई थी और ‘त्रेता-युग’ में रामचरितमानस अवधी भाषा में और ‘कलि-युग’ में लिखी गई थी।
Ramcharitmanas PDF हिंदी में क्या है?
रामचरितमानस अवधी भाषा में गोस्वामी तुलसीदास द्वारा १६वीं सदी में रचित प्रसिद्ध ग्रन्थ है। इस ग्रन्थ को अवधी साहित्य (हिंदी साहित्य) की एक महान कृति माना जाता है। इसे सामान्यतः ‘तुलसी रामायण’ या ‘तुलसीकृत रामायण’ भी कहा जाता है। रामचरितमानस हमारी संस्कृति में एक विशेष स्थान रखता है।