Durga Aarti PDF Free | नवरात्र मां दुर्गा की आरती PDF Download

Durga Ji ki Aarti: नमस्कार भक्तजनों… हर कोई मां दुर्गा यानी शक्ति स्वरुपा का भक्त है। प्रतिदिन पूजा के बाद मां दुर्गा की आरती करना अनिवार्य माना जाता है। इसलिए हम आपके लिए Maa Durga Aarti PDF लाए हैं।

आप इस लेख के नीचे दिए गए लिंक से दुर्गा आरती की पीडीएफ डाउनलोड कर पाएंगे। जिसको मोबाइल में डाउनलोड कर अच्छे तरीके से आरती का पाठ कर सकते हैं।

मां दुर्गा के पूजा के दौरान आरती की जरूरत पड़ती है। ऐसे में मां दुर्गा की आरती, जय अम्बे गौरी मैया जय अम्बे गौरी की वीडियो देखकर या पीडीएफ का पाठ कर अपनी पूजा को संपन्न कर सकते हैं।

मां दुर्गा जी की आरती

मां दुर्गा को शक्ति का स्वरुप माना जाता है। मां दुर्गा का वाहन शेर है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार मां दुर्गा अपने भक्तो की रक्षा करते हुए बुराई को हमेशा समाप्त कर देती हैं।

वैसे हम प्रतिदिन मां दुर्गा की पूजा सकते हैं, लेकिन नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा का विशेष महत्व है। इस दौरान भक्त नौ दिन तक व्रत रखते हैं।

नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए दुर्गा आरती का जाप कर मां दुर्गा की पूजा की जाती है। इस समय मां दुर्गा के नौ रुपों का पूजा की जाती है।

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नवरात्रि के दौरान भक्तों को रोज सुबह-शाम मां दुर्गा की आरती करनी चाहिए। मान्यता है कि आरती करने से सभी प्रकार के पाप नष्ट हो जाते हैं। साथ ही मां दुर्गा की हमेशा कृपा बनी रहती है।

maa durga aarti

मां दुर्गा आरती इन हिंदी

जय अम्बे गौरी मैया जय मंगल मूर्ति।
तुमको निशिदिन ध्यावत हरि ब्रह्मा शिव री ॥जय॥

मांग सिंदूर बिराजत टीको मृगमद को।
उज्ज्वल से दोउ नैना चंद्रबदन नीको ॥जय॥

कनक समान कलेवर रक्ताम्बर राजै।
रक्तपुष्प गल माला कंठन पर साजै ॥जय॥

केहरि वाहन राजत खड्ग खप्परधारी।
सुर-नर मुनिजन सेवत तिनके दुःखहारी ॥जय॥

कानन कुण्डल शोभित नासाग्रे मोती।
कोटिक चंद्र दिवाकर राजत समज्योति ॥जय॥

शुम्भ निशुम्भ बिडारे महिषासुर घाती।
धूम्र विलोचन नैना निशिदिन मदमाती ॥जय॥

चौंसठ योगिनि मंगल गावैं नृत्य करत भैरू।
बाजत ताल मृदंगा अरू बाजत डमरू ॥जय॥

भुजा चार अति शोभित खड्ग खप्परधारी।
मनवांछित फल पावत सेवत नर नारी ॥जय॥

कंचन थाल विराजत अगर कपूर बाती।
श्री मालकेतु में राजत कोटि रतन ज्योति ॥जय॥

श्री अम्बेजी की आरती जो कोई नर गावै।
कहत शिवानंद स्वामी सुख-सम्पत्ति पावै ॥जय॥

Maa Durga Aarti Video

Jai Ambe Gauri Aarti (Credit- T-Series)

Maa Durga Aarti lyrics in English

Jai ambe gauri, mayya jai shyama gauri
Tumko nish-din dhyavat, hari brahma shivji, Jai ambe gauri

Maang sindoor virajat, tiko mrig-mad ko
Ujjwal se dou naina, chandra vadan niko, Jai ambe gauri

Kanak samaan kalewar, raktaambar raaje
Rakt pushp gal-mala, kanthan par saaje, Jai ambe gauri

Kehri vahan rajat, kharag khapar dhaari
Sur nar muni jan sevat, tinke dukh haari, Jai ambe gauri

Kanan kundal shobhit, naas-agre moti
Kotik chandra divakar, sum rajat jyoti, Jai ambe gauri

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Shumbh ni-shumbh vidare, mahisha sur ghati
Dhumra-vilochan naina, nish-din- mad mati, Jai ambe gauri

Chandh mundh sangh-haare, shonit beej hare
Madhu kaitabh dou maare, sur bhe heen kare, Jai ambe gauri

Brahmani rudrani, tum kamla rani
Aagam nigam bakhani, tum shiv patrani,Jai ambe gauri

Chon-sath yogini gavat, nritya karat bhairon
Baajat taal mridanga, aur baajat damaroomaroo , Jai ambe gauri
Tum ho jag ki maata, tum hi ho bharta
Bhakto ki dukh harata, sukh sampati karata, Jai ambe gauri

Bhuja chaar ati shobit, var mudra dhaari
Man vaanchit phal pavat, sevat nar naari, Jai ambe gauri

Kanchan thaal virajat, agar kapoor baati
Shri maal-ketu me rajat, kotik ratan jyoti, Jai ambe gauri

Shri ambe-ji-ki aaarti, jo koi nar gaave
Kahat shivanand swami, sukh sampati pave, Jai ambe gauri

Maa Durga Aarti lyrics in Hindi PDF

maa-durga-aarti-
PDF Name Maa Durga Aarti PDF
No. of Page2
Size0.40 MB
Language Hindi
Categary Aarti/ Religion
Websitebacpl.org

Maa Durga Aarti PDF Download

FAQ of Maa Durga Aarti

दुर्गा जी की आरती कैसे करें?

मांग दुर्गा की आरती करते समय आरती को मां दुर्गा की प्रतिमा के चरणों में चार बार घुमाएं, दो बार नाभि प्रदेश में, एक बार मुख मण्डल पर और सात बार समस्त अंगों पर घुमाएं। इस तरह करते हुए चौदह बार आरती घुमानी चाहिए। इस दौरान इसका गायन करते हुए तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवजी। उज्ज्वल से दोउ नैना, चंद्रवदन नीको॥ ॥ ॐ जय अम्बे गौरी…॥

नवरात्रि के नौ दिन क्या करना चाहिए?

नवरात्रि के नौ दिनों तक प्रतिदन सुबह नहाकर पूजा स्थान की अच्छे से सफाई करें। मंदिर की सफाई करते हुए उसे गंगा-जल से शुद्ध करें। इसके बाद विधि-विधान से मां की पूजा करें। मां दुर्गा को लाल रंग काफी पसंद है, इसलिए नवरात्रि में देवी मां को लाल रंग के फूल अर्पित करें।

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मां दुर्गा का शक्तिशाली मंत्र कौन सा है?

तारिणीं दुर्गसंसारसागरस्य कुलोद्भवाम्॥ कहा जाता है कि नवरात्रि में इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति गुणवान और शक्तिशाली बन जाता है। सृष्टिस्थितिविनाशानां शक्ति भूते सनातनि। गुणाश्रये गुणमये नारायणि नमोऽस्तु ते।

मां दुर्गा जी की आरती कितने बजे होती है?

मां दुर्गा की पूजा और आरती करने के भी नियम हैं। नियम से की गई पूजा से ही हमें इसका लाभ मिलता हैं। सुबह 12 बजे के पहले मां की पूजा और आरती समाप्त हो जाना चाहिए। दिन के 12 से 4 बजे के बीच मां दुर्गा की पूजा या आरती नहीं की जाती है।

नीचे दिए गए लिंक से आप Maa Durga Aarti PDF को Download कर सकते हैं।

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