श्री दुर्गा चालीसा पाठ | Maa Durga Chalisa PDF in Hindi Download

नमस्कार भक्तजनों.. जब भी हम श्री दुर्गा चालीसा पाठ करते हैं तो हमें Maa Durga Chalisa PDF की आवश्यकता पड़ती है तो ऐसे में हमें दुर्गा जी के चालीसा का पाठ की पीडीएफ को डाउनलोड करना होता है।

जितने भी मां दुर्गा के भक्त लोग हैं, उन भक्तों को आज दुर्गा चालीसा की पीडीएफ दिया जाएगा। पीडीएफ की सहायता से आप मां दुर्गा की आराधना ज्यादा बेहतर ढंग से कर पाएंगे। दुर्गा चालीसा पढ़ने से बहुत ही ज्यादा आत्मा को शांति मिलती है। चालीसा पढ़ने से मां दुर्गा का आशीर्वाद हमारे ऊपर हमेशा बना रहता है, तो जितने भी मां दुर्गा के भक्त होंगे, वे कमेंट बाक्स में जय माता दी लिखेंगे। प्रेम से बोलिए जय माता दी…

Maa Durga Chalisa संक्षिप्त विवरण (Short Description)

HeadingsDetails
किताब का नामDurga Chalisa
भाषाहिंदी
लेखकमहर्षि देवदास
Size3.8 MB
उपयोगीभक्ति, सुख शांति के लिए
कैटेगरीReligion, Chalisa
Websitebacpl.org

Maa Durga Chalisa | दुर्गा चालीसा क्यों पढ़ना चाहिए?

अगर आप मां दुर्गा के भक्त हैं और उनको प्रसन्न करना है तो आपको दुर्गा चालीसा का पाठ करना अनिवार्य होगा। दुर्गा चालीसा के पाठ करने से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं और अपना आशीर्वाद बनाए रखती हैं।

चालीसा के पाठ करने से मां दुर्गा प्रसन्न हो जाती है और अपने भक्तों पर हमेशा दया दृष्टि बनाए रखते हैं जिससे भक्तों के आने वाले कष्ट और दुख मां दुर्गा के चालीसा पाठ करने से दूर हो जाते हैं।

समय के अभाव में कुछ लोग मां दुर्गा का चालीसा का पाठ नहीं करते हैं। आप अपने परिवार में हमेशा खुशी और समृद्धि चाहते हैं, तो आपको दुर्गा चालीसा का पाठ करना चाहिए।

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आप प्रत्येक दिन दुर्गा चालीसा का पाठ नहीं कर पाते हैं तो आपको नवरात्रि में मां दुर्गा जी का पाठ करना बहुत ही ज्यादा आवश्यक हो जाता है। नवरात्र में मां दुर्गा अपने भक्तों पर बहुत ही जल्द खुश हो जाती हैं।

इसलिए आपको हमेशा मां दुर्गा चालीसा का पाठ करना आवश्यक है। आप हमेशा मां की आराधना नहीं कर पाते हैं तो नवरात्रि में मां की चालीसा का पाठ करना बहुत ही ज्यादा आवश्यक हो जाता है।

Maa Durga Chalisa Lyrics in Hindi

॥ चौपाई ॥

नमो नमो दुर्गे सुख करनी।

नमो नमो अम्बे दुःख हरनी॥

निराकार है ज्योति तुम्हारी।

तिहूँ लोक फैली उजियारी॥

शशि ललाट मुख महाविशाला।

नेत्र लाल भृकुटि विकराला॥

रूप मातु को अधिक सुहावे।

दरश करत जन अति सुख पावे॥

तुम संसार शक्ति लय कीना।

पालन हेतु अन्न धन दीना॥

अन्नपूर्णा हुई जग पाला।

तुम ही आदि सुन्दरी बाला॥

प्रलयकाल सब नाशन हारी।

तुम गौरी शिवशंकर प्यारी॥

शिव योगी तुम्हरे गुण गावें।

ब्रह्मा विष्णु तुम्हें नित ध्यावें॥

रूप सरस्वती को तुम धारा।

दे सुबुद्धि ऋषि-मुनिन उबारा॥

धरा रूप नरसिंह को अम्बा।

प्रगट भईं फाड़कर खम्बा॥

रक्षा कर प्रह्लाद बचायो।

हिरण्याक्ष को स्वर्ग पठायो॥

लक्ष्मी रूप धरो जग माहीं।

श्री नारायण अंग समाहीं॥

क्षीरसिन्धु में करत विलासा।

दयासिन्धु दीजै मन आसा॥

हिंगलाज में तुम्हीं भवानी।

महिमा अमित न जात बखानी॥

मातंगी अरु धूमावति माता।

भुवनेश्वरी बगला सुख दाता॥

श्री भैरव तारा जग तारिणी।

छिन्न भाल भव दुःख निवारिणी॥

केहरि वाहन सोह भवानी।

लांगुर वीर चलत अगवानी॥

कर में खप्पर-खड्ग विराजै।

जाको देख काल डर भाजे॥

सोहै अस्त्र और त्रिशूला।

जाते उठत शत्रु हिय शूला॥

नगर कोटि में तुम्हीं विराजत।

तिहुंलोक में डंका बाजत॥

शुम्भ निशुम्भ दानव तुम मारे।

रक्तबीज शंखन संहारे॥

महिषासुर नृप अति अभिमानी।

जेहि अघ भार मही अकुलानी॥

रूप कराल कालिका धारा।

सेन सहित तुम तिहि संहारा॥

परी गाढ़ सन्तन पर जब-जब।

भई सहाय मातु तुम तब तब॥

अमरपुरी अरु बासव लोका।

तब महिमा सब रहें अशोका॥

ज्वाला में है ज्योति तुम्हारी।

तुम्हें सदा पूजें नर-नारी॥

प्रेम भक्ति से जो यश गावै।

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दुःख दारिद्र निकट नहिं आवें॥

ध्यावे तुम्हें जो नर मन लाई।

जन्म-मरण ताकौ छुटि जाई॥

जोगी सुर मुनि कहत पुकारी।

योग न हो बिन शक्ति तुम्हारी॥

शंकर आचारज तप कीनो।

काम अरु क्रोध जीति सब लीनो॥

निशिदिन ध्यान धरो शंकर को।

काहु काल नहिं सुमिरो तुमको॥

शक्ति रूप को मरम न पायो।

शक्ति गई तब मन पछितायो॥

शरणागत हुई कीर्ति बखानी।

जय जय जय जगदम्ब भवानी॥

भई प्रसन्न आदि जगदम्बा।

दई शक्ति नहिं कीन विलम्बा॥

मोको मातु कष्ट अति घेरो।

तुम बिन कौन हरै दुःख मेरो॥

आशा तृष्णा निपट सतावे।

मोह मदादिक सब विनशावै॥

शत्रु नाश कीजै महारानी।

सुमिरौं इकचित तुम्हें भवानी॥

करो कृपा हे मातु दयाला।

ऋद्धि-सिद्धि दे करहु निहाला॥

जब लगि जियउं दया फल पाऊं।

तुम्हरो यश मैं सदा सुनाऊं॥

दुर्गा चालीसा जो नित गावै।

सब सुख भोग परमपद पावै॥

देवीदास शरण निज जानी।

करहु कृपा जगदम्ब भवानी॥

Maa Durga Chalisa (Video Credit- T-series)

Maa Duraga Chalisa | दुर्गा चालीसा का पाठ कैसे करें?

  • सबसे पहले आप स्नान करके स्वच्छ हो जाएं
  • अब आप एक कोई लकड़ी की चौकी पर लाल वस्त्र को बिछा दें
  • उस लाल वस्त्र पर मां दुर्गा की फोटो या मूर्ति को रखें
  • अब आप श्री दुर्गा चालीसा का श्रद्धा पूर्वक पाठ करें
  • दुर्गा चालीसा समाप्त होने पर दुर्गा जी की आरती जरूर करें
  • अंत में आप परिवार के साथ मां दुर्गा से आशीर्वाद को ग्रहण करें।
  • यदि आप प्रसाद की व्यवस्था किए हैं तो प्रसाद को भी ग्रहण करें

Maa Durga Chalisa का पाठ करने के फायदे

दुर्गा चालीसा से मन रहता है शांत

अगर आप दुर्गा चालीसा का पाठ करते हैं तो आपका मन बहुत ही ज्यादा शांत स्वभाव का रहता है जितने भी आपको किसी बात की टेंशन नहीं रहती है। दुर्गा चालीसा पाठ करने से आप हमेशा प्रसन्न और खुश रहेंगे।

शरीर में नई ऊर्जा का होता है निर्माण

कभी-कभी हमें ऐसा लगता है कि हमारे शरीर में कोई शक्ति नहीं है, बहुत ही ज्यादा थकान महसूस होता रहता है। हम अनेक बीमारियों से ग्रसित रहते हैं तो ऐसे में हमें दुर्गा चालीसा का जाप करने से यह सभी बीमारी दूर हो जाती हैं।

जीवन के सारे दुःख होंगे दूर

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यदि आपके जीवन में दुख और कष्ट है। आपको कुछ नहीं समझ में आता कि अब हम क्या करें जिससे कि सब दुख दूर हो जाएं। ऐसे में आपको मां दुर्गा जी के शरण में अवश्य जाना चाहिए, क्योंकि वह सभी दुखों को खत्म कर देती हैं।

Maa Durga Chalisa PDF In Hindi

यदि आप Maa Durga Chalisa PDF In Hindi में Download करना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए लिंक से डाउनलोड कर सकते हैं। इसके बाद अपने मोबाइल में बहुत ही आसानी तरीके से पढ़ सकते हैं। इस पीडीएफ को आप लोग अवश्य डाउनलोड करें।

Maa Durga Chalisa PDF Download

Durga chalisa 1
Durga chalisa1
Durga chalisa2

आप इस PDF को डाउनलोड करके प्रिंट आउट भी निकलवा सकते हैं क्योंकि आप प्रिंट आउट में बहुत ही अच्छे तरीके से पढ़ सकते हैं। यदि आप इसका बुक चाहते हैं तो मैंने इसके बारे में पूरी जानकारी भी दी है जिसे आप लोग अमेजन से खरीद सकते हैं।

Maa Durga Chalisa का पाठ कितनी बार करना चाहिए?

हमें दुर्गा चालीसा का पाठ नवरात्रि में 9 दिनों सुबह और शाम करना चाहिए। मां दुर्गा का पाठ करने से हमें अवांछित फल और समृद्धि मिलती है। दुर्गा चालीसा का सुबह और शाम दो बार पाठ करना चाहिए।

Maa Durga Chalisa कब पढ़ना चाहिए

दुर्गा चालीसा को नवरात्रि में मां दुर्गा को खुश करने के लिए सुबह और शाम आरती के साथ इसका पाठ करना चाहिए। इससे माता रानी की कृपा आप पर बनी रहेगी।

Maa Durga Chalisa किसने लिखा है।

माना जाता है कि महर्षि देवदास जी ने दुर्गा चालीसा को लिखा है।

Maa Durga Chalisa रोज पढ़ने से क्या होता है?

दुर्गा चालीसा का रोज पाठ करने से हमें आने वाले दुख, कष्टों से मुक्ति मिल जाती है। हमारे मन में आने वाले नकारात्मक विचार भी समाप्त हो जाते हैं। जिससे हम हमेशा तरोताजा और प्रसन्न महसूस करते हैं।

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