नमस्कार भक्तजनों, इस आर्टिकल पोस्ट में आप Kuber Chalisa PDF प्राप्त कर सकते हैं। जब भी हम भगवा श्री कुबेर जी की पूजा करते हैं, तो उनके चालीसा की जरूरत पड़ती है। ऐसे में हम आपको लिए श्री कुबेर जी की पीडीएफ लेकर आए हैं।
भगवान् कुबेर को समर्पित एक दिव्य चालीसा है। कुबेर चालीसा का प्रतिदिन पाठ करने से भगवान कुबेर की विशेष कृपा प्राप्त होती है। कुबेर को धन–संपदा देने वाला भगवान माना जाता है। इनकी भक्ति से आप अपनी निर्धनता को दूर करने सकते हैं।
Contents
Kuber Calisa PDF Detals
PDF Name | Kuber Calisa PDF/ कुबेर चालीसा |
No of Page | 10 |
Size | 1.1 MB |
Categary | Aarti/ Religion |
Language | Hindi/ हिंदी |
website | bacpl.org |
धनतेरस व दीपावली जैसे त्यौहार पर श्री गणेश व लक्ष्मी जी के साथ कुबेर जी का भी पूजन किया जाता है। इनका पूजन करने से व्यक्ति घर में विभिन्न प्रकार के मांगलिक कार्य होते हैं। घर में किसी भी प्रकार की धन–धान्य की कमी नहीं होती है। इसलिए आपको भी प्रतिदिन श्री कुबेर चालीसा का पाठ अवश्य करना चाहिए।
Kuber Chalisa Ka Labh
कुबेर मंत्र का जाप करने से शांति, समृद्धि और संपन्नता आती है और आपको अपने सभी लक्ष्यों को पूरा करने में मदद मिलती है। अक्सर कहा जाता है कि भगवान कुबेर की कृपा से कभी भी अहंकार को अपने ऊपर हावी नहीं होने देना चाहिए, भले ही आपके पास दुनिया की सारी दौलत हो।
Kuber Chalisa Kya Hai?
कुबेर जी एक यक्ष है | इन्हें शास्त्रों में रावण के भाई के रूप में दिखाया गया है | किसी भी चालीसा को भगवान को प्रसन्न करने के लिए बनाया गया है इसी प्रकार कुबेर चालीसा के माध्यम से यक्ष कुबेर को प्रसन्न किया जाता है | इस चालीसा में में चौवालीस चौपाई हैं | जिस में कुबेर जी से पाठ करने वाले पर कृपा करने की प्रार्थना की गयी है |
कुबेर (Kuber) भगवान का दिन कौन सा होता है?
धनतेरस के दिन विशेष रूप से भगवान कुबेर की पूजा की जाती है।
भगवान कुबेर (Kuber) को खुश कैसे करें?
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार तीन महीने तक प्रतिदिन 108 बार कुबेर मंत्र का जाप करने से भगवान कुबेर को प्रसन्न किया जा सकता। ऐसा करने से आपको उनका आशीर्वाद प्राप्त करने में जल्दी सफलता मिलेगी।
Kuber Chalisa Video
Kuber Chalisa (मंत्र) का जप कब शुरू करना चाहिए?
कुबेर मंत्र का जाप करने के लिए सुबह का समय सबसे उपयुक्त माना जाता है। सबसे पहले आपको स्नान करना चाहिए और फिर भगवान कुबेर की मूर्ति या तस्वीर के सामने बैठना चाहिए। आप मंत्र जाप से पहले मूर्ति के सामने कमल का फूल भी रख सकते हैं। उसके बाद मंत्र का जाप करें।
कुबेर जी को क्या पसंद है?
कुबेर भगवान की पूजा चंदन, धूप, दीप, नैवेद्य आदि से विधिपूर्वक करनी चाहिए। उसके बाद ही कुबेर मंत्र का जाप करना चाहिये।
कुबेर देवता का मंत्र क्या है?
ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय अष्ट-लक्ष्मी मम गृहे धनं पुरय पुरय नमः॥ ये मंत्र माता लक्ष्मी और कुबेर देवता का माना जाता है।
Kuber Chalisa in Hindi:
॥ चौपाई ॥
जै जै जै श्री कुबेर भण्डारी ।
धन माया के तुम अधिकारी ॥
तप तेज पुंज निर्भय भय हारी ।
पवन वेग सम सम तनु बलधारी ॥
स्वर्ग द्वार की करें पहरे दारी ।
सेवक इंद्र देव के आज्ञाकारी ॥
यक्ष यक्षणी की है सेना भारी ।
सेनापति बने युद्ध में धनुधारी ॥
महा योद्धा बन शस्त्र धारैं ।
युद्ध करैं शत्रु को मारैं ॥
सदा विजयी कभी ना हारैं ।
भगत जनों के संकट टारैं ॥
प्रपितामह हैं स्वयं विधाता ।
पुलिस्ता वंश के जन्म विख्याता ॥
विश्रवा पिता इडविडा जी माता ।
विभीषण भगत आपके भ्राता ॥
शिव चरणों में जब ध्यान लगाया ।
घोर तपस्या करी तन को सुखाया ॥
शिव वरदान मिले देवत्य पाया ।
अमृत पान करी अमर हुई काया ॥
धर्म ध्वजा सदा लिए हाथ में ।
देवी देवता सब फिरैं साथ में ॥
पीताम्बर वस्त्र पहने गात में ।
बल शक्ति पूरी यक्ष जात में ॥
स्वर्ण सिंहासन आप विराजैं ।
त्रिशूल गदा हाथ में साजैं ॥
शंख मृदंग नगारे बाजैं ।
गंधर्व राग मधुर स्वर गाजैं ॥
चौंसठ योगनी मंगल गावैं ।
ऋद्धि-सिद्धि नित भोग लगावैं ॥
दास दासनी सिर छत्र फिरावैं ।
यक्ष यक्षणी मिल चंवर ढूलावैं ॥
ऋषियों में जैसे परशुराम बली हैं ।
देवन्ह में जैसे हनुमान बली हैं ॥
पुरुषों में जैसे भीम बली हैं ।
यक्षों में ऐसे ही कुबेर बली हैं ॥
भगतों में जैसे प्रहलाद बड़े हैं ।
पक्षियों में जैसे गरुड़ बड़े हैं ॥
नागों में जैसे शेष बड़े हैं ।
वैसे ही भगत कुबेर बड़े हैं ॥
कांधे धनुष हाथ में भाला ।
गले फूलों की पहनी माला ॥
स्वर्ण मुकुट अरु देह विशाला ।
दूर-दूर तक होए उजाला ॥
कुबेर देव को जो मन में धारे ।
सदा विजय हो कभी न हारे ॥
बिगड़े काम बन जाएं सारे ।
अन्न धन के रहें भरे भण्डारे ॥
कुबेर गरीब को आप उभारैं ।
कुबेर कर्ज को शीघ्र उतारैं ॥
कुबेर भगत के संकट टारैं ।
कुबेर शत्रु को क्षण में मारैं ॥
शीघ्र धनी जो होना चाहे ।
क्युं नहीं यक्ष कुबेर मनाएं ॥
यह पाठ जो पढ़े पढ़ाएं ।
दिन दुगना व्यापार बढ़ाएं ॥
भूत प्रेत को कुबेर भगावैं ।
अड़े काम को कुबेर बनावैं ॥
रोग शोक को कुबेर नशावैं ।
कलंक कोढ़ को कुबेर हटावैं ॥
कुबेर चढ़े को और चढ़ादे ।
कुबेर गिरे को पुन: उठा दे ॥
कुबेर भाग्य को तुरंत जगा दे ।
कुबेर भूले को राह बता दे ॥
प्यासे की प्यास कुबेर बुझा दे ।
भूखे की भूख कुबेर मिटा दे ॥
रोगी का रोग कुबेर घटा दे ।
दुखिया का दुख कुबेर छुटा दे ॥
बांझ की गोद कुबेर भरा दे ।
कारोबार को कुबेर बढ़ा दे ॥
कारागार से कुबेर छुड़ा दे ।
चोर ठगों से कुबेर बचा दे ॥
कोर्ट केस में कुबेर जितावै ।
जो कुबेर को मन में ध्यावै ॥
चुनाव में जीत कुबेर करावैं ।
मंत्री पद पर कुबेर बिठावैं ॥
पाठ करे जो नित मन लाई ।
उसकी कला हो सदा सवाई ॥
जिसपे प्रसन्न कुबेर की माई ।
उसका जीवन चले सुखदाई ॥
जो कुबेर का पाठ करावै ।
उसका बेड़ा पार लगावै ॥
उजड़े घर को पुन: बसावै ।
शत्रु को भी मित्र बनावै ॥
सहस्त्र पुस्तक जो दान कराई ।
सब सुख भोद पदार्थ पाई ॥
प्राण त्याग कर स्वर्ग में जाई ।
मानस परिवार कुबेर कीर्ति गाई ॥
॥ दोहा ॥
शिव भक्तों में अग्रणी, श्री यक्षराज कुबेर ।
हृदय में ज्ञान प्रकाश भर, कर दो दूर अंधेर ॥
कर दो दूर अंधेर अब, जरा करो ना देर ।
शरण पड़ा हूं आपकी, दया की दृष्टि फेर ॥